मंगलवार, 16 मई 2017

ये मामले भी मज़हबी हैं


समझ नहीं आ रहा कि हिन्दुओं के कंधो पर बैठी इस न्याय की प्रतिदिन मोटाती देवी का तराज़ू हिन्दुओं के लिए छोटा और डण्डा हिन्दुओं के लिए बड़ा क्यों होता जा रहा है ????
सुप्रीम कोर्ट जी , माना न्याय की देवी की आंखों पर पट्टी बंधी होती है , पर आप तो अपनी अक्ल पर से तो पर्दा उठा लो ।
क्या कहा था 11 मई को तलाक के मुद्दे पर इन अक्ल के ठेकेदारों ने ???? कि #अगर_यह_इनके_मज़हब_का_मामला_है_तो_कोर्ट_इसमें_दखलंदाज़ी_नहीं_करेगी। अगर कोर्ट इनके धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप न करने का मन बना चुकी है तो हिन्दुओं,सिखों ईसाईयों, बौद्धों और अन्य धर्म वालों को तैयार रहना चाहिए (पोस्ट छोटी रखने के उद्देश्य से ,उदाहरण के लिए चुनिन्दा आयतें लिख रहा हूँ, बाकि आप लोग कमेंट बॉक्स में आयतें लिख कर पाठकों का ज्ञान वर्धन कर सकते ) ----
1) #मरने_के_लिए -----सूरा 9 आयत 5 ,सूरा 8 आयत 12 ,सूरा 33 आयत 61
2) #ये_हमेशा_जिहाद_के_लिए_तैयार_है --सूरा 9 आयत 111, सूरा 66 आयत 9
 3 #जजिया_देने_के_लिए ----सूरा 9 आयत 29
4) #औरतों_केअपहरण_और _बलात्कार_के_लिए --- सूरा 4 आयत 24
#दास_दासी_प्रथा_के लिए ---सूरा 8 आयत 25
6) #काफिर_इनके_लिए _जान_दे_दें_पर_ये_आपको_कभी_दोस्त_नहीं_मानेंगे ---सूरा 4 आयत 89 /सूरा 5 आयत 51
7) #ये_लड़ते_ही_रहेंगे -----सूरा 9 आयत 123 , सूरा 32 आयत 22
8)#अगर_इनका_बाप_या_भाई_कुफ्र_करदे_तो_उससे_भी दोस्ती_नहीं -------सूरा 9 आयत 123
ऐसा नहीं है कुरान या खुदा ने काफिरों को सिर्फ लूटने या मारने के लिए ही लिखा है। काफिर जान बचा सकते हैं बशर्ते वो इस्लाम कबूल कर लें।
फिर अगर वे लोग (अपने कुफ्र से) बाज़ आ जाएँ (#और_इस्लाम_कबूल_कर_लें) तो अल्लाह तआला बक्श देंगे और मेहबानी फर्मा देंगे। सूरा 2 आयत 192
तो हे सुप्रीम कोर्ट के महानुभावो आज तीन तलाक इनका मज़हबी मामला है, और कल अगर इसी आधार पर कि ये आयते हमारी कुरान में लिखी हैं, उद्घृत करके यह कह दिया कि मार काट बलात्कार वसूली भी इनके मज़हबी मामले हैं तो क्या कहोगे ????? देख रहे हो न दुनिया जहान में सुन्नी शिया वहाबी सलफ़ी अहमदिया सीरिया, इराक तुर्की अफगानिस्तान, पकिस्तान नाइजीरिया में जब मुसलमान एक दूसरे को मारते हुए ही नज़र आ रहे है तो ये लोग काफिरों का क्या करेंगे ?????
प्रिय सुप्रीम कोर्ट के मठाधीशों वैसे तो इतने दिनों में आप कई भाषाओँ में कुरान पढ़ सकते थे , फिर भी अगर नहीं पढ़ी है तो निम्न लिंक को ज़रूर पढ़िए जिनमे उपरोक्त आयतों को हदीस का समर्थन प्राप्त है। यानि कि ये मामले भी पूर्णतः मज़हबी हैं।
https://www.thereligionofpeace.com/pages/quran/slavery.aspx
शनि शिगनापुर, दही हांड़ी, जल्लिकट्टू हो सकता है आपको धार्मिक नज़र न आते हों, इनका शास्त्रों में ज़िक्र न मिलता हो ,पर रामजन्मभूमि और गऊ माता का ज़िक्र तो धार्मिक पुस्तकों में है।
अजीब प्रजातन्त्र है जहाँ बहुसंख्यकों द्वारा चुनी हुई सरकारें तो बहुसंख्यक हितों को ताक पर रख नीतियां बना रही हैं वहीँ सुप्रीम कोर्ट जिसे संविधान प्रद्दत समानता के मौलिक अधिकार की रक्षा करनी चाहिए वो भी आँखों पर पट्टी बंधे बैठी है।
वैसे ये हाथ में डंडा/ तलवार क्या सिर्फ हिन्दुओं के लिए ही है ?????
जिस दिन मुसलामानों की तरह हिन्दुओं ने बात बात पर मारकाट मचानी शुरू की उस दिन आप माननीय नहीं ढक्कन सिंह हो कर रह जाओगे। मजबूर मत करिये कि वो दिन आ जाये जब हिन्दुओ ने जो लिहाज़ में मुंह बंद कर रखा है , वो खुल जाए और वो भी कह दें कि हम नहीं मानते इस पक्षपात करने वाले संविधान को , यह संविधान हमारे धर्म शास्त्रों से बढ़कर नहीं है।

1 टिप्पणी:

  1. Islam 1400 saal pehle aya , aur sanatam Dharm jab se ye duniya bni hai tab se hai , Mohammed ne kya bola tha ki Mai khuda ka messenger hu , Jesus Christ ne kya bola tha ki Mai isvar ka baccha hu , sirf aur sirf shri Krishn ne bola tha ki Mai Bhagwan hu, hmare kisi bhi dharmik kitab me kisi Ko marna ya kisi bhi Dharam Ko neecha dhikhana nhi likha per tum Musalman ki jaat essi hai , baccha paida hota hai to usko Dard dete ho Musalmani krvate ho ,kafir Ko marne ke liye kehte ho , Pakistan me hindu ladkiyo Ko zaberdastii Dharam badvaya ja Raha hai , Hindustan me Islam aaya tumhe PTA bhi nahi hai tumhare baap dada hindu hi the buss Babar Jese mugal shask ne aaker Dharam Badal diya , fuck you Islam , fuck you Muslim Dharam fuck off

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