आपदामपहर्तारम् दातारं सर्व सम्पदाम्।
लोकाभिरामं श्रीरामम् भूयो भूयो नमाम्यहम।
लोकाभिरामं श्रीरामम् भूयो भूयो नमाम्यहम।
राम से बड़ा राम का नाम - - - - बात तब की है जब रामसेतु बनाया जा रहा था। भगवान राम ने देखा कि सब लोग सेतु निर्माण में प्रयोग होने वाले पत्थरों पर उनका नाम "राम" लिख कर फेंक रहे हैं और पत्थर पानी पर तैर जाते हैं। भगवान राम ने सोचा कि मुझे भी इस निर्माण कार्य में सहयोग करना चाहिए। सो उन्होंने पत्थर उठा कर पानी में फेंकने शुरू किये, परंतु उनके आश्चर्य की सीमा न रही कि सब पत्थर पानी में डूब जा रहे थे। उन्होंने अपने प्रिय हनुमान जी को बुलाया और पूछा कि हे पवनपुत्र! जो पत्थर आप लोग मेरा नाम लिख कर फेंक रहे हैं वो पानी पर तैर जाते हैं और जिन पत्थरों को मैं फेंकता हूँ वो डूब रहे हैं, ऐसा क्यों हो रहा है।
पवनपुत्र ने बहुत साधारण सा उत्तर दिया, प्रभु जिसे आप ही अपने हाथों से फेंक देंगे उसे कौन इस भवसागर में तैरा सकता है। इसीलिए कहा गया है कि राम से बड़ा राम का नाम।
पवनपुत्र ने बहुत साधारण सा उत्तर दिया, प्रभु जिसे आप ही अपने हाथों से फेंक देंगे उसे कौन इस भवसागर में तैरा सकता है। इसीलिए कहा गया है कि राम से बड़ा राम का नाम।
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